क्या है मामला
Hathras Kand – 2 जुलाई को जब प्रधानमंत्री मोदी संसद में अभिभाषण पर जो प्रस्ताव आया था उस पर जवाब दे रहे थे और दूसरी तरफ शाम 5 बजे यह खबर आयी की उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर में भगदड़ की घटना हुई है जहाँ पर अभी तक करीब 122 लोगो के मरने की खबर आ रही है यह आकड़ा बढ़ भी सकती है , बोहोत से लोग घायल भी है जिनका उपचार हस्पताल में चल रहा है।दरअसल हाथरस के मुग़ल गढ़ी गाँव में भोले बाबा के नाम से मशहूर नारायण हरी साकार (सूरज पाल) की एक सत्संग सभा चल रही थी , जहाँ पर हज़ारो की तादाद में श्रद्धालु आये हुए थे।
जितने लोग वहा पर आये थे उसके हिसाब से जगह छोटी पड़ रही थी , लोग पोल पर भी चढ़ कर सत्संग में जमे हुए थे। सत्संग में मंच पर सुराज पाल और उनकी पत्नी मौजूद थे। मैदान की छमता से 3 से 4 गुना ज्यादा भीड़ वह पर पहुँच गयी जिसके कारण गर्मी , उमस व लोगो को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। कहा जाता है ,भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता भीड़ की कोई दिशा नहीं होती , इसी बात को सत्य करते हुए लोग उमस और सांस न ले पाने के कारन बहार निकलने की कोशिश करने लगे जिससे भगदड़ मच गयी लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए और एक दूसरे को रौंदते हुए भागने लगे जिससे 122 लोगो की मृत्यु और कई घायल हो गए।
कौन है नारायण हरी साकार
Hathras Kand – सूट बूट और चश्मा, टाई लगाने वाले बाबा नारायण साकार ,हमारे दिमाग में जो बाबाओ की चित्र है उससे थोड़े अलग है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा जिले में रहने वाले नारायण साकार अपने आप को चमत्कारी संत होने का दावा करते है। इनकी पढाई एटा जिले से ही हुई , बाबा का कहना है की ये पहले पुलिस में नौकरी किया करते थे और एक समय पे इनकी पोस्टिंग इंटेलिजेंस बेउरो (ख़ुफ़िया विभाग) में भी थी।वहां पर इन्होने 90 के दशक में 18 साल की नौकरी के बाद वि आर एस ले लिया और यह संत बन गए।
बाबा का कहना है की उनको दिव्या ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह उस परमात्मा के ही एक अंश है जो की मानवता फैलाने आये है। नारायण साकार हिन्दू धर्म गुरु या सनातनी संत नहीं है बल्कि वह सभी को मानवता का पाठ पढ़ाते है। अगर हम बाबा के घर की बात करे तो उनका घर कोई वाइट हाउस से काम नहीं है , आलिशान बांग्ला , ऊँची ऊँची दिवार , घर को चारो तरफ से घेरे हुए सुरक्षा कर्मी। पुलिस को भी अगर उनके घर आना हो तो उनसे अनुमति लेने के बाद ही अंदर आ सकते है। गरीबो और दलितों के बिच बहुत मशहूर ये बाबा मानवता की बड़ी बड़ी बात करते है पर जब लोग इनकी सभा में कुचले जा रहे थे लोगो का दम घूट रहा था तब यह बाबा मानवता दिखाने की बजाय वहां से निकलना सही समझा। पहले भी जब साल 2022 मई के महीने में इनको 50 लोगो के सत्संग की अनुमति दी गयी थी तब करीब 50,000 लोग वहां पर आ गये थे जिससे शहर का ट्रैफिक भी बाधित हुआ था।
बाबा नारायण साकार नेताओ के बिच भी बहुत मशहूर है कई नेता इनके सभा में अपनी हाजरी लगाते है , पिछले साल ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बाबा के सभा में हाजरी लगाने गए थे और वह जाकर उनकी खूब तारीफ़ भी की और उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके भी इसकी जानकारी दी थी।
पहले भी हो चुकी है बड़ी घटनाएं
भगदड़ से मृत्यु की घटना कोई नयी नहीं है सही सुविधा और सही व्यवस्था ना होने के कारण बड़ी भीड़ कभी भी अनियंत्रित हो सकती है। कुछ भगदड़ की घटनाएं जो पहले भी हो चुकी है।
अनुमानित मृत्यु | दिनांक | नाम | स्थान |
1426 लोगो की मौत | 2 जुलाई 1990 | मक्का मदीना सुरंग त्रासदी | मक्का, सऊदी अरब |
602 लोगो की मौत | 30 दिसंबर 1903 | इरोक्वियस थिएटर में आग | शिकागो, अमेरिका |
500 लोगो की मौत | 3 फरवरी 1954 | कुम्भ मेला प्रयागराज | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
953 लोगो की मौत | 31 अगस्त 2005 | अल-अइम्माह पुल आपदा | बगदाद , इराक़ |
354 लोगो की मौत | 12 जनवरी 2006 | हज भगदड़ | मीणा , सऊदी अरब |
291 लोगो की मौत | 25 जनवरी 2005 | मंढेर देवी मंदिर भगदड़ | महाराष्ट्र , भारत |