Bageshwar Dham – बाबा बागेश्वर धाम , जाने एक आम लड़का कैसे बना बागेश्वर धाम सरकार ? 2024

आज हम जानेंगे की मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला में रहने वाला बालक “धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री” आगे चल कर “बाबा बागेश्वर धाम सरकार” के पीठाधीश कैसे बन गए और कैसे श्री हनुमान जी की कृपा उनको प्राप्त हुई जिसका डंका आज पुरे विश्व में बज रहा है।

जन्म तिथि व स्थान

Bageshwar Dham – धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री जी ( जन्म के समय धीरेन्द्र कृष्णा गर्ग के रूप में ) का जन्म 4 जुलाई 1996 में हुआ था। जिन्हे हम आज बागेश्वर धाम सरकार के रूप में जानते है, एक हिन्दू सनातनी परिवार में इनका जन्म हुआ जिनके घर की परंपरा एक आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से थी। “शास्त्री जी” का जन्म मध्य प्रदेश के जिला छत्तरपुर के गांव गढ़ा में हुआ था, जो की कम आबादी वाला और बहुत की काम संसाधनों वाला गांव था।

Bageshwar Dham – धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री

परिवार और शिक्षा

Bageshwar Dham – धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री जी के परिवार में कूल 5 सदस्य है , माता जी का नाम ” सरोज गर्ग ” , पिता जी का नाम ” श्री राम कृपाल गर्ग ” , बहन का नाम “रीता गर्ग” और भाई का नाम शालिग्राम गर्ग है। धीरेन्द्र जी अपने भाई – बहनो में सबसे बड़े बेटे है। शास्त्री जी के पिताजी पुजारी के रूप में काम करते थे , इनका बचपन का जीवन अत्यंत गरीबी में बिता है। उनका परिवार कच्चे घर में रहता था । बचपन में वे अपने गाँव में लोगों को कहानियाँ सुनाया करते थे। इनकी मां दूध बेचने का काम करती थी हाल ही के अपने दिए गए इंटरव्यू में धीरेंद्र खुद भी इस बात को कबूल करते हैं कि वे बीए कर चुके हैं। वहीं, आगे यह भी कहा कि उन्होंने ठीक से पढ़ाई नहीं की है, इसलिए वे इस पढ़ाई को नहीं मानते ।

Bageshwar Dham – धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री

धीरेन्द्र कृष्णा से बागेश्वर धाम तक का सफर

Bageshwar Dham – शास्त्री जी मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गाँव में हनुमान जी को समर्पित एक हिंदू तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और प्रमुख के रूप में सेवा कर रहे हैं , परन्तु बचपन से ऐसा नहीं था , वे बताते है की उनको यह कृपा उनके दादा गुरु से प्राप्त हुआ है , उनके दादा गुरु का नाम “श्री भगवानदास गर्ग ” था। श्री भगवानदास गर्ग जी एक सिद्ध संत पुरुष थे जिन्होंने श्री धीरेन्द्र जी को सिद्धि और तपस्या सिखाई जिसके कारण उन्हें दिव्या शक्तिया भी प्राप्त हुई। शास्त्री जी हर मंगलवार और शनिवार को इस धाम में एक दिव्य दरबार का आयोजन करते हैं, जहाँ यह माना जाता है कि वह अपनी दिव्य शक्तियों से लोगों के सभी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक कष्टों को ठीक करते हैं, जो उन्हें हनुमान से मिली थीं।एक साक्षात्कार में शास्त्री जी ने कहा कि वह अपने दादा और पिता के बाद धाम के प्रमुख के रूप में सेवा करने वाली तीसरी पीढ़ी हैं। शास्त्री जी ने अपने धाम में अन्नपूर्णा रसोई की स्थापना की है, जहाँ उनके अनुयायियों के लिए निःशुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था की जाती है। वे गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी के लिए एक वार्षिक समारोह भी आयोजित करते हैं। वे प्राचीन वैदिक अध्ययन और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए एक वैदिक गुरुकुल की स्थापना कर रहे हैं ।कहा जाता है कि शास्त्री जी ने 2021 में एक घर वापसी कार्यक्रम के दौरान ईसाई धर्म में परिवर्तित हुए 300 लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाया था। 25 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश सरकार ने शास्त्री जी को मिली जान से मारने की धमकियों के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी ।

सोशल मीडिया पे फोल्लोविंग और विवाद

Bageshwar Dham – बाबा बागेश्वर धाम के दरबार में जितनी भीड़ पहुँचती है , आज के समय में शायद ही इतनी बड़ी संख्या में जनता का सैलाब कही भी आता होगा। चाहे वो नेता हो या अभिनेता सभी बाबा बागेश्वर के दरबार में अर्जी लगते है , चाहे वो खिलाडी हो या गायक हर कोई आज बाबा बागेश्वर का कायल है। अक्सर बाबा अपने भक्तो को ” मेरे पागलो” शब्द से सम्बोधित करते है इसका भाव यह बताते है की वह ख़ुशी में यह शब्द बोलते है और इसका अर्थ यह है की जिस तरह की भीड़ दरबार में पहुँचती है वैसा सामर्थ्य सिर्फ हनुमान जी भक्तो में ही हो सकता है ।

बाबा बागेश्वर धाम की फोल्लोविंग आज करोड़ो में है जहा लोग उनके दरबार में आने को आतुर रहते है वही सोशल मीडिया में भी बागेश्वर बाबा बहुत प्रसिद्ध है , इनकी यूट्यूब में सब्सक्राइबर्स की संख्या 82 लाख है वही फेसबुक पे देखे तो इनकी संख्या 73 लाख की है साथ ही इंस्टाग्राम पे इनके फॉलोवर्स की संख्या 16 लाख से ज्यादा है। इनकी वेबसाइट www.bageshwardham.co.in

शास्त्री जी तब चर्चा में आए जब भारतीय तर्कवादी श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दी और उनकी आध्यात्मिक शक्तियों पर सवाल उठाया। मानव ने शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। जब मीडिया में विवाद हुआ, तो शास्त्री ने मानव को अपने दिव्य दरबार में आमंत्रित किया और कहा, “मैं बागेश्वर बालाजी के चरणों में एक सेवक मात्र हूँ। मैं वही करता हूँ जो वे मुझे प्रेरित करते हैं।

Also Read –

Leave a Comment